मुरार नदी के सौंद्रयीकरण से बदल जाएगी इस क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर
ग्वालियर। मुरार नदी ग्वालियर की पुरानी पहचान है। इसके अस्तित्व को बनाए रखने के साथ ही जीर्णोद्धार और सौंद्रयीकरण से इसका नया वैभव स्थापित होगा। इसके निर्माण कार्य और सौंद्रयीकरण में स्थानीय पत्थर का उपयोग किया जाए। ताकि यह ग्वालियर की पहचान को कायम रख सके। क्योंकि भविष्य में ग्वालियर शहर का आकर्षक पर्यटन केंद्र बनेगा रमौआ बॉंध और मुरार नदी। इसलिए सभी कार्य उच्च तकनीक, गुणवत्ता एवं स्थानीय पहचान को ध्यान में रखकर कराए जाएँ।
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने “नमामि गंगे” प्रोजेक्ट के तहत हो रहे मुरार नदी के सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार कार्यों के निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिए।

केन्द्रीय मंत्री ने गुरुवार को रमौआ बाँध एवं उसकी डाउन स्ट्रीम में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे मुरार नदी के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने नदी के दोनों ओर सौंदर्यीकरण कार्य के साथ-साथ पर्यटकों के बैठने के लिये स्टोन की बैंच लगाने की बात कही। साथ ही कहा कि ग्वालियर क्षेत्र के पत्थर का उपयोग सौंदर्यीकरण कार्य में किया जाए।
श्री सिंधिया ने प्रथम चरण में किए जा रहे कार्यों की आधिकारियों से नक्शे के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी ली और निर्माण के हर पहलू को समझकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल, भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी व प्रदेश कार्य समिति सदस्य आशीष प्रताप सिंह राठौर के अलावा कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल, मुख्य अभियंता जल संसाधन आरपी झा एवं नमामि गंगे प्रोजेक्ट व मुरार नदी जीर्णोद्धार कार्य से जुड़े अधिकारी मौजूद थे।

पहले चरण का कार्य जारी दूसरे चरण की डीपीआर तैयार
केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने बताया गया कि प्रथम चरण में मुरार नदी के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के लिये नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत लगभग 39 करोड़ रुपए की राशि मंजूर हुई है। जिसमें से 22 करोड़ रुपए की लागत से 3 किलोमीटर लम्बाई में वर्तमान में कार्य कराए जा रहे हैं। जिसमें पाँच स्थानों पर सौंदर्यीकरण कार्य, नदी की सफाई व नेचुरल लाइनिंग सहित अन्य सौंदर्यीकरण कार्य हो रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि द्वितीय चरण की डीपीआर को भी जल्द मंजूरी दिलाई जायेगी। लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से यह डीपीआर तैयार हुई है, जिसके तहत मुरार नदी की शेष 9 किलोमीटर लम्बाई में सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार कार्य पूरा किया जा सके।