— ग्वालियर में आयोजित दो दिवसीय बी-20 इंटरनेशनल एयरोस्पेस कॉन्फ्रेंस का केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ने किया उद्घाटन,
— विमानन उद्योग क्षेत्र में उत्पादन के लिए कम्पनियों और निवेशकों से किया मेक इन एमपी’ का आह्वान
— 20 साल पहले हम जेट नहीं बना सकते थे अब बिना किसी के मदद के चांद पर पहुंच गए
— विमानन उद्योग में संभावना एवं निवेश प्रोत्साहन के उद्देश्य से हो रहा कॉन्ंफ्रेंस का आयोजन
ग्वालियर। विमानन उद्योग में संभावना एवं निवेश प्रोत्साहन के उद्देश्य से दो दिवसीय बी-20 इंटरनेशनल एयरोस्पेस कांॅन्फ्रेंस का शुक्रवार को ग्वालियर शहर के सिटी सेंटर स्थित होटल रेडीसन में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उद्घाटन किया। देश-विदेश के विमानन प्रतिनिधियों, विशिष्ट अतिथियों, उद्योगपतियों और मंत्रियों की मौजूदगी में कॉन्ंफ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने एरोस्पेस के उत्पादन व उद्योग संभावनाओं को लेकर मेक इन एमपी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मेक इन एमपी से देश का दिल कहे जाने वाले प्रदेश की तकदीर बदल जाएगी।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा नागर विमानन मंत्रालय की सहभागिता से बी- 20 इंटरनेशनल एयरोस्पेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।
ग्वालियर के उड्डयन क्षेत्र का स्वर्णिम इतिहास
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने देश-विदेश के मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत में होने वाले बदलाव का मूकदर्शक नहीं भागीदार रहा है ग्वालियर। ग्वालियर के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, कि ग्वालियर में 1937 में फ़्लाइंग बोट सर्विस हुआ करती थी, जो इंग्लैड और ऑस्ट्रेलिया के बीच उड़ती थी। जिसका प्रारंभ माधव सागर में होता था। आज़ादी से कई वर्ष पहले भारत के अनेक शहरों के लिए सीधी उड़ान ग्वालियर से उड़ती थी । 1941 में बैंग़लोर ग्वालियर दिल्ली की उड़ान और बॉम्बे ग्वालियर दिल्ली की उड़ान यहाँ से होती थी ।
आजादी से पहले थी ट्रांसपोर्ट सेवा
ग्वालियर में नॉर्थ इंडीयन ट्रांसपोर्ट कम्पनी भी आज़ादी के पहले काम करती थी, जो ना सिर्फ़ मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों को जोड़ती थी बल्कि पूरे पूर्वी भारत के कई शहरों को यातायात की सुविधा देती थी ।
भारत में नया इतिहास रचेगा एयरपोर्ट
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्वालियर में बन रहे नए टर्मिनल की आधारशिला पिछले साल 16 अक्टूबर को केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रखी गई थी। 500 करोड़ की लागत से ढाई लाख स्क्वेयर फ़ीट में चार एरोब्रिज के साथ टेग्रेटेड डोमेस्टिक टर्मिनल का निर्माण हो रहा है। उन्होंने यह विश्वास भी दिलाया कि यह टर्मिनल भवन भारत के इतिहास में सबसे कम रिकॉर्ड समय (15 महीने) में बनने वाला टर्मिनल भवन होगा ।
आज चॉंँद पर हैं हम
केंद्रीय मंत्री ने कहा की देश में मेक इन इंडिया के उदय के बाद से विकास की नई धारा बह रही है। विकास के नित नए कीर्तिमान लिखे जा रहे हैं। 20 साल पहले हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि हम फाइटर जेट बना सकते हैं लेकिन आज हम बिना किसी की मदद के, अपनी आत्मनिर्भरता के बल पर चाँद पर अपना झंडा फहरा रहे हैं।
एरोस्पेस कम्पनियों का भारत में निवेश का सही समय
सिंधिया ने कहा की यह सही समय है की पूरे विश्व की सभी एरोस्पेस कंपनिया भारत में निवेश करें। देश के आज़ादी के बाद, 70 सालों में 74 एअरपोर्ट बने थे वहीं पिछले 9 सालों में यह आँकड़ा दोगुना हो चुका है। अब 148 एअरपोर्ट हैं और मैं यह वायदा कर रहा हूँ कि 2-3 साल में हम 200 एअरपोर्ट का आँकड़ा छू लेंगे । देश में 2014 में केवल 200 हवाई जहाज थे अब यह आँकड़ा 700 को छू चुका है। देश में जहां भी जरूरत है वहां सरकार प्राथमिकता से सुविधाओं का विकास कर रही है। बिहार के दरभंगा जैसे देश के मानचित्र से मिटाए गए हवाई अड्डों का पुनर्विकास का कार्य चल रहा है जो आज लाखों यात्रियों के आवागमन का केंद्र बन चुकी हैं।
रेलवे के साथ नागर विमानन की क्षेत्र की तुलना करते हुए उन्होंने कहा की आज भारत के ट्रेन के एसी फ़र्स्ट और सेकंड क्लास में 18.5 करोड़ लोगों को यात्रा कर रही है और 14.5 करोड़ हवाई यात्रा कर रहे है।
मध्य प्रदेश में निवेश करने की सलाह
कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने उपस्थित निवेशकों और अतिथियों को भारत में निवेश करने की सलाह दी। उन्होंने बताया की विमानन क्षेत्र ने पिछले 9 वर्षों में अभूतपूर्व बदलाव किये हैं। ड्रोन से लेकर पीएलआई स्कीम तक और डिजी यात्रा सुविधा से लेकर एमआरओ ईको सिस्टम के निमर्ण तक – हर क्षेत्र में अब भारत सफलता प्राप्त कर रहा है। ऐसे में जरूरी हो जाता है मध्य प्रदेश में दिल खोलकर निवेश करें निवेशक।